
हिमालय टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
सिकंदराबाद/श्रीनगर गढ़वाल। सिकंदराबाद क्षेत्र के ग्राम भराना स्थित श्री नर्मदेश्वर महादेव आश्रम ऋणमुक्तेश्वर गंग नहर में रविवार को आर्याव्रत विश्व सनातन विकास परिषद द्वारा एक भव्य धर्म चर्चा एवं आध्यात्मिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक वेद मूर्ति स्वामी फलारी महाराज ने देश,धर्म और समाज के प्रति अनुशासित जीवन तथा संवेदनशील भाषा के प्रयोग का संदेश देते हुए कहा कि हर भारतीय को चाहिए कि वह देश की गरिमा को ध्यान में रखकर अपने शब्दों और कर्मों का प्रयोग करे। भारतीय संस्कृति,सभ्यता और आचार का पालन ही हमारे अस्तित्व की पहचान है। स्वामी फलारी महाराज ने कहा कि आज के समय में समाज में जातिगत भेदभाव और संकीर्ण सोच राष्ट्र की एकता को कमजोर करती है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हम जिस पद पर हैं,उसकी मर्यादा बनाए रखें,और अपनी जाति या परिवार की सीमाओं से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में सोचें। यदि हम अपनी वाणी और आचरण में गरिमा नहीं रखेंगे तो आने वाली पीढ़ी को गलत दिशा मिलेगी। स्वामी ने सभी उपस्थित सनातन धर्मावलंबियों से भारतीय सभ्यता और संस्कृति के संवर्धन में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अपने पूर्वजों से प्रेरणा लें,जिन्होंने जाति,धर्म या वर्ग से ऊपर उठकर देश और समाज की सेवा को सर्वोच्च मान दिया। इस अवसर पर प्रदेश में राष्ट्रीय सनातन चेतना यात्रा के आयोजन को लेकर भी सहमति बनी। परिषद के विस्तार एवं आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में महंत ज्योतिषाचार्य कथा व्यास आचार्य पंडित आशीष उपाध्याय वशिष्ठ ने कहा कि आज जब समाज में मूल्यों का ह्रास हो रहा है,ऐसे में धर्म और संस्कृति के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने सनातन जीवन शैली को मानवता की सर्वश्रेष्ठ दिशा बताया। धर्म चर्चा में स्वामी आशीष कृष्ण नंदाचार्य महाराज,सनातन धर्म रक्षक कृष्णकान्त महाराज,प्रदेश अध्यक्ष संत प्रकोष्ठ ज्ञानेन्द्र दास महाराज,जिला संयोजक सीतापुर-लखनऊ सौरभ अवस्थी,एडवोकेट सुमित खटाना,बालमुकुंद शर्मा,प्रदुमन,रोहित,पवन सहित बड़ी संख्या में सनातन प्रेमी और साधु-संत उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ और राष्ट्रहित के संकल्प के साथ हुआ।