
हिमालय टाइम्स
गबर सिंह भंडारी
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने शुक्रवार को अपने शासकीय आवास पर शिक्षा विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक ली। बैठक में मंत्री ने प्रदेशभर के सभी जिलों से निःशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण की स्थिति पर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने आगामी शैक्षणिक सत्र 2025–26 के लिए पाठ्यपुस्तक एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री के क्रय हेतु टेंडर प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ करने को कहा,ताकि सत्र शुरू होते ही सभी विद्यालयों में किताबें समय पर पहुंचाई जा सकें। डॉ.रावत ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेशभर के राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें,अभ्यास पुस्तिकाएं,गणवेश,स्कूल बैग और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने कहा राज्य सरकार की मंशा है कि किसी भी विद्यार्थी की शिक्षा में संसाधनों की कमी बाधा न बने। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर बच्चे तक शिक्षा सामग्री समय पर पहुंचे। मंत्री ने बताया कि गणवेश एवं बैग की धनराशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे विद्यार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है,जबकि पाठ्यपुस्तकें एवं अभ्यास पुस्तिकाएं शिक्षा विभाग द्वारा सीधे विद्यालयों तक पहुंचाई जाती हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि हाल के क्षेत्र भ्रमण के दौरान अभिभावकों द्वारा शिकायत की गई कि दूरस्थ क्षेत्रों के कुछ विद्यालयों में अब तक पाठ्यपुस्तकें नहीं पहुंची हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने शिक्षा महानिदेशक को सभी जनपदों से विस्तृत रिपोर्ट तलब कर एक सप्ताह में आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान मंत्री ने आपदा प्रभावित विद्यालयों के पुनर्निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आपदा मोचन निधि से सभी जिलों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है,फिर भी कई जनपदों ने निर्माण कार्य शुरू नहीं किए हैं। यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने शिक्षा महानिदेशक को सभी जिलों के निर्माण कार्यों की ऑनलाइन समीक्षा कर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधार को लेकर भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई। मंत्री ने बताया कि प्रदेशभर में वर्तमान में लगभग 2100 प्राथमिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं,जिनमें से 451 पदों पर न्यायालयीन रोक लगी हुई है। शेष पदों पर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। साथ ही दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए,ताकि नई भर्ती में चयनित शिक्षकों को प्राथमिकता से दुर्गम क्षेत्रों में तैनाती दी जा सके। डॉ.रावत ने निर्देश दिए कि शैक्षणिक भ्रमण योजना के तहत विद्यार्थियों के चयन की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कर उन्हें भ्रमण पर भेजा जाए,ताकि छात्र राज्य की सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता से प्रत्यक्ष रूप से अवगत हो सकें। बैठक में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक दीप्ति सिंह,अपर सचिव एम.एम. सेमवाल,निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल,निदेशक प्राथमिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल,निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ.मुकुल सती,अनु सचिव विकास श्रीवास्तव,वित्त अधिकारी वीरेंद्र कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। डॉ.धन सिंह रावत की यह समीक्षा बैठक न केवल प्रशासनिक सतर्कता का उदाहरण है,बल्कि यह स्पष्ट संकेत भी देती है कि राज्य सरकार की प्राथमिकता समय पर संसाधन,सशक्त विद्यालय और शिक्षण की गुणवत्ता है। शिक्षा विभाग से जुड़ी यह सख्त और संवेदनशील पहल निश्चित रूप से प्रदेश के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को और सुदृढ़ करेगी।