
हिमालय टाइम्स
गबर सिंह भंडारी
श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के प्राचार्य डॉ.आशुतोष सयाना ने गुरुवार सुबह कॉलेज एवं बेस अस्पताल परिसर स्थित छात्र व छात्राओं के हॉस्टलों का सुबह 7 बजे से 9 बजे तक औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का बारीकी से जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने भोजन की गुणवत्ता,मैस संचालन,रसोईघर की स्वच्छता,वॉशिंग एरिया,डाइनिंग स्पेस और हॉस्टल की सफाई व्यवस्था को परखा। उन्होंने छात्रों से सीधे संवाद करते हुए भोजन की गुणवत्ता पर उनकी राय जानी और आश्वासन दिया कि किसी भी प्रकार की शिकायत पर तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी। डॉ.सयाना ने कहा कि हॉस्टलों में रहने वाले हमारे छात्र भविष्य के चिकित्सक हैं। उनका स्वास्थ्य और पोषण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्हें घर जैसा भोजन और सुरक्षित वातावरण मिले,इसके लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी मैस संचालकों को स्वच्छ,संतुलित व पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश दिए और स्पष्ट कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्राचार्य ने यह भी कहा कि यदि किसी मैस अनुबंध की समयावधि समाप्त हो चुकी है,तो नई टेंडर प्रक्रिया शीघ्र आरंभ की जाएगी,ताकि प्रतिस्पर्धात्मक और पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। डॉ.सयाना ने बताया कि प्रदेश के चिकित्सा,स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत स्वयं कॉलेजों की छात्र सुविधाओं पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उनके निर्देशानुसार कॉलेज प्रशासन हॉस्टलों की साफ-सफाई,भोजन की गुणवत्ता,वाटर कूलर की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर निरंतर निगरानी रखे हुए है। प्राचार्य ने सभी वार्डनों को प्रतिदिन निरीक्षण करने के निर्देश दिए ताकि छात्रों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि हॉस्टल परिसरों में दोपहिया वाहनों की व्यवस्थित पार्किंग,खेलकूद के लिए बैडमिंटन कोर्ट और छात्रों की सुविधा के लिए आवश्यक अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर शीघ्र विकसित किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान प्राचार्य ने यह भी बताया कि पुरानी मोर्चरी के समीप एक नई आधुनिक मोर्चरी का निर्माण कराया जा रहा है,जहां ऐसे शव रखे जा सकेंगे जिनका पोस्टमार्टम नहीं किया जाना है। इसके साथ ही,आसपास के खाली स्थान को स्टोर रूम के रूप में विकसित करने की योजना पर भी कार्य प्रारंभ हो गया है। निरीक्षण में अरविंद मैठाणी,प्रदीप नेगी,त्रिलोक रावत सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में प्राचार्य डॉ.सयाना की सक्रियता और प्रशासनिक सजगता यह दर्शाती है कि संस्थान छात्रों की मूलभूत जरूरतों को लेकर गंभीर है। यह कदम न केवल छात्रों के स्वास्थ्य व अनुशासन को सुदृढ़ करेगा बल्कि सरकारी चिकित्सा शिक्षण संस्थानों की सकारात्मक छवि को भी और मजबूत करेगा।