
हिमालय टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति जागरूकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रख्यात शिक्षाविद् प्रोफेसर भानु प्रसाद नैथानी को प्रकृति अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान प्रकृति सोसाइटी उदयपुर द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रकृति सम्मेलन International Prakriti Conference 2025 के दौरान 11 अक्टूबर को प्रदान किया गया। यह सम्मेलन राजस्थान के उदयपुर में आयोजित हुआ,जिसमें देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ प्रोफेसरों, वैज्ञानिकों,शोधकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन प्रकृति सोसाइटी उदयपुर द्वारा किया गया,जो समाज को पृथ्वी,जल,वायु,अग्नि और आकाश इन पंचतत्वों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यरत है। प्रो.भानु प्रसाद नैथानी लंबे समय से पर्यावरण संरक्षण,पारिस्थितिक संतुलन और प्रकृति आधारित शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने अपने व्याख्यानों,शोधपत्रों और सामाजिक अभियानों के माध्यम से लोगों को प्रकृति के संरक्षण के प्रति प्रेरित किया है। सम्मेलन में वक्ताओं ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि प्रो.नैथानी ने न केवल अकादमिक जगत में बल्कि समाज में भी प्रकृति संरक्षण की चेतना को सशक्त रूप से स्थापित किया है। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। कार्यक्रम में प्रकृति सोसाइटी के संरक्षक प्रो.पी.आर.व्यास पूर्व विभागाध्यक्ष भूगोल विभाग,मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर की गरिमामयी अध्यक्षता रही। सम्मेलन में विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक उपस्थित रहे,जिनमें प्रमुख रूप से प्रो.नागिया जेएनयू नई दिल्ली,प्रो.सचिता नंद सिन्हा जेएनयू नई दिल्ली,प्रो.महावीर सिंह नेगी,प्रो.मोहन उज्जैन विक्रमादित्य विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश,प्रो.सिद्दिकी इलाहाबाद विश्वविद्यालय,प्रो.साधना कोठारी,मुख्य अतिथि प्रो.पी.सी.त्रिवेदी पूर्व कुलपति,प्रो.सीमा जालान उदयपुर विश्वविद्यालय,प्रो.अनुराधा शर्मा जम्मू विश्वविद्यालय,डॉ.चौहान संयुक्त सचिव यूजीसी दिल्ली,प्रो.पी.सी.तिवारी कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल,प्रो.कृष्ण मोहन पंजाब विश्वविद्यालय,चंडीगढ़ आदि प्रमुख शिक्षाविद् एवं शोधार्थी शामिल रहे। सोसाइटी का प्रमुख लक्ष्य है समाज को प्रकृति के पंचतत्वों पृथ्वी,जल,वायु,अग्नि और आकाश के संरक्षण हेतु प्रेरित करना। संस्था पर्यावरण शिक्षा,पारिस्थितिकी संरक्षण और सतत विकास के लिए जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करती रही है। प्रो.नैथानी का यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण की पहचान है,बल्कि यह पूरे उत्तराखंड के शैक्षणिक एवं पर्यावरणीय जगत के लिए गर्व का विषय है। उनके इस योगदान ने पुनः यह सिद्ध किया है कि जब शिक्षा और सेवा का संगम होता है,तो समाज में स्थायी परिवर्तन संभव होता है।