
हिमालय टाइम्स
गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। संत निरंकारी मिशन के तत्वावधान में आज 10 अक्टूबर गुरुवार को श्रीनगर (गढ़वाल) स्थित ब्रांच में एक विशाल सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या ने भाग लेकर सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज के पावन संदेश को श्रवण किया और जीवन में ब्रहमज्ञान के महत्व को आत्मसात किया। कार्यक्रम के दौरान केंद्र प्रचारक महात्मा महादेव कुंडयाल ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बिना ब्रहमज्ञान के परमात्मा को देखा नहीं जा सकता। गुरु ज्ञान से ही परमात्मा की अनुभूति संभव होती है। जब मनुष्य का संबंध भगवान से जुड़ता है,तब उसके हृदय में भक्ति और विनम्रता का भाव उत्पन्न होता है। उन्होंने आगे कहा कि सत्संग ही वह माध्यम है जो मनुष्य में विवेक और सच्चे जीवन मूल्यों को जागृत करता है। निरंकारी मिशन का उद्देश्य मानवता में प्रेम,समरसता और वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को प्रसारित करना है। यही ब्रहमज्ञान वह शक्ति है जो सभी को जोड़ती है और आत्मा को परमात्मा से एकाकार करने का मार्ग दिखाती है। कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने भावपूर्ण भजनों,प्रार्थनाओं और विचारों के माध्यम से निरंकार परमात्मा के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। मंच से वक्ताओं ने कहा कि ब्रहमज्ञान ही आत्मा के कल्याण का मार्ग है और प्रत्येक मानव के भीतर वही दिव्य चेतना विद्यमान है जो सृष्टि का आधार है। समागम में महिलाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। कुसुम पंत,शकुंतला पांडे,नीलम श्रीकोटी,विजया शर्मा,विभा भट्ट,अनीता देवी और डॉ.के.पी.नौटियाल,रंजन लाल,सुनील श्रीकोटी,अंजू देवी,हीमानी रस्तोगी,के.एन.पोखरियाल,मोहन लाल सहित अनेक श्रद्धालुओं ने सेवा,भजन और आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यक्रम के उपरांत संत निरंकारी मिशन श्रीनगर ब्रांच के संयोजक हरी लाल शाह ने कहा कि सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज के मार्गदर्शन में मिशन मानवता,सेवा और समरसता के पथ पर अग्रसर है। ब्रहमज्ञान केवल ज्ञान नहीं,बल्कि जीवन जीने की कला है,जो हर हृदय में प्रेम और करुणा का संचार करता है। वहीं मीडिया प्रभारी गम्मा सिंह ने कहा कि ब्रहमज्ञान ही विवेक और एकता का स्रोत है,जो मनुष्य को परमात्मा के समीप लाता है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं और सेवादल के सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में ब्रहमज्ञान का प्रचार-प्रसार ही सच्ची सेवा है। संत निरंकारी मिशन श्रीनगर समरसता,सेवा और सद्भाव का प्रतीक।