विश्वविख्यात पौराणिक बैकुंठ चतुर्दशी मेला-श्रीनगर में संस्कृति,अध्यात्म और लोककला का भव्य संगम

हिमालय टाइम्सगबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल। गढ़वाल की सांस्कृतिक राजधानी श्रीनगर एक बार फिर अध्यात्म,आस्था और लोकसंस्कृति के रंगों से सराबोर होने को तैयार है। नगर के ऐतिहासिक आवास विकास मैदान में 4 नवंबर

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गबर सिंह भण्डारी

श्रीनगर गढ़वाल। गढ़वाल की सांस्कृतिक राजधानी श्रीनगर एक बार फिर अध्यात्म,आस्था और लोकसंस्कृति के रंगों से सराबोर होने को तैयार है। नगर के ऐतिहासिक आवास विकास मैदान में 4 नवंबर से 13 नवंबर तक आयोजित होने जा रहा विश्वविख्यात बैकुंठ चतुर्दशी मेला इस बार और भी अधिक भव्यता,श्रद्धा और सांस्कृतिक विविधता के साथ मनाया जाएगा। नगर निगम सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान मेयर आरती भंडारी,उप जिलाधिकारी एवं नगर आयुक्त नूपुर वर्मा,तथा नगर उप आयुक्त रविराज बंगारी ने बताया कि इस वर्ष मेले को आधुनिकता और परंपरा के संगम के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इस दौरान तहसीलदार दीपक भण्डारी,कोतवाली प्रभारी जयपाल सिंह नेगी और एसआई मुकेश गैरोला सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। बैकुंठ चतुर्दशी मेला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कर-कमलों से 4 नवंबर को शुभारंभ होगा,जबकि 5 नवंबर को मेले के संरक्षक एवं श्रीनगर विधायक कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। बैकुंठ चतुर्दशी का यह पौराणिक मेला श्रीनगर की पहचान और गौरव का प्रतीक है। भारत के विभिन्न राज्यों और विदेशों से भी श्रद्धालु इस धार्मिक पर्व में दर्शन व भागीदारी के लिए पहुंचते हैं। नगर के कमलेश्वर महादेव,नागेश्वर महादेव,कटकेश्वर महादेव,गणेश मंदिर,लक्ष्मीनारायण मंदिर और कंसमरदनी जैसे प्रमुख मंदिरों को दीपमालाओं से सजाया जाएगा,जिनका दृश्य मन मोह लेने वाला होगा। नगर निगम द्वारा इस बार मेले में संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यक्रमों में शामिल गोला बाजार में पहाड़ी परिधान पर आधारित फैशन शो,स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियां,कृष्ण लीला,गणेश वंदना और लोकनृत्य,मैजिक शो और केबीसी शैली का इंटरैक्टिव शो,कवि सम्मेलन,जागृति प्रोग्राम और संत निरंकारी मिशन का संत समागम। पहली बार आयोजित होने जा रहे श्रीनगर के सितारे कार्यक्रम का निर्देशन प्रसिद्ध लोकगायक अमित सागर करेंगे,जिसमें स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान किया जाएगा। गढ़वाल की लोकसंस्कृति को जीवंत करने के लिए प्रसिद्ध जागर सम्राट हेमा करासी अपनी विशेष प्रस्तुति देंगे,वहीं अन्य उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोकगायक भी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से वातावरण को उत्सवमय बनाएंगे। नगर आयुक्त नूपुर वर्मा ने बताया कि इस वर्ष मेले की संपूर्ण तैयारियां सुव्यवस्थित ढंग से की जा रही हैं। श्रद्धालुओं और पर्यटकों को साफ-सफाई,यातायात व्यवस्था,पेयजल और प्रकाश की बेहतर सुविधा मिले,इसके लिए नगर निगम की सभी टीमें निरंतर काम कर रही हैं। हमारा प्रयास है कि यह मेला देवभूमि की संस्कृति का आदर्श प्रतिबिंब बने। कोतवाल जयपाल सिंह नेगी ने बताया कि मेले के दौरान नगर में यातायात व्यवस्था के विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। भीड़ को देखते हुए धनतेरस से दीपावली तक बाजार क्षेत्र में चौपहिया वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। वहीं अत्यधिक भीड़ होने की स्थिति में दो पहिया वाहनों पर भी अस्थायी रोक लगाई जाएगी,ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम आवागमन मिल सके। नगर निगम ने घोषणा की है कि जो दुकानें और स्टॉल सबसे सुंदर रूप में सजाई जाएंगी,उन्हें विशेष पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। मेयर आरती भंडारी ने कहा बैकुंठ चतुर्दशी मेला हमारी लोक-संस्कृति,अध्यात्म और सामुदायिक एकता का प्रतीक है। नगर निगम की पूरी टीम इसे भव्य,सुरक्षित और यादगार बनाने में जुटी है। उन्होंने आगे कहा कि इस मेले के माध्यम से हम श्रीनगर को न केवल धार्मिक केंद्र के रूप में,बल्कि संस्कृति और पर्यटन के प्रमुख गंतव्य के रूप में भी स्थापित करना चाहते हैं। इस बार मेले की प्रत्येक झांकी,मंच और सांस्कृतिक प्रस्तुति में गढ़वाल की लोकसंस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। हम चाहते हैं कि यह मेला हर आगंतुक के लिए प्रेरणादायी और अविस्मरणीय अनुभव बने। श्रीनगर के आवास विकास मैदान में आयोजित यह बैकुंठ चतुर्दशी मेला केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं,बल्कि गढ़वाल की सांस्कृतिक आत्मा का जीवंत उत्सव है जहां परंपरा और आधुनिकता एक साथ झिलमिलाती हैं,और देवभूमि की संस्कृति अपनी पूरी गरिमा के साथ साकार होती है।

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