Uttarakhand Election 2024: भारी बारिश बनी बाधा, जरूरत पड़ने पर हेलिकॉप्टर से भेजी जाएंगी पोलिंग पार्टियां

प्रदेश में सक्रिय मानसून के चलते आगामी पंचायत चुनावों पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग हालात पर नजर बनाए हुए है और सुरक्षा व समयबद्ध मतदान सुनिश्चित करने
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प्रदेश में सक्रिय मानसून के चलते आगामी पंचायत चुनावों पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग हालात पर नजर बनाए हुए है और सुरक्षा व समयबद्ध मतदान सुनिश्चित करने के लिए सतर्क है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदा प्रबंधन के तहत दो हेलिकॉप्टरों को स्टैंडबाय में रखा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर पोलिंग पार्टियों या राहत टीमों को तत्काल रवाना किया जा सके।

प्रदेश में मानसून के चलते कई क्षेत्रों में सड़क मार्ग बाधित होने की स्थिति को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनावों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। आयोग ने सभी जिलाधिकारियों से आपदा प्रबंधन से संबंधित विस्तृत कार्ययोजना तलब की है। निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने स्पष्ट किया है कि यदि ज़रूरत पड़ी, तो पोलिंग पार्टियों और मतदान सामग्री को पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर की मदद भी ली जाएगी।

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान 24 जुलाई और दूसरे चरण का मतदान 28 जुलाई को प्रस्तावित है। मतदान कार्यक्रम के बीच सक्रिय मानसून को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग पूरी सतर्कता बरत रहा है। आयोग लगातार मौसम विभाग से अपडेट ले रहा है ताकि किसी आपदा या बाधा की स्थिति में त्वरित निर्णय लिया जा सके। इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों से सड़कें बंद होने और मानसूनी नुकसान की खबरें भी सामने आ रही हैं, जिससे चुनावी तैयारियों पर असर पड़ सकता है।

पंचायत चुनाव में बारिश बनी चुनौती, दो हेलिकॉप्टर स्टैंडबाय पर; आयोग सतर्क

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि मानसून के मद्देनज़र पंचायत चुनावों को सुरक्षित और सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए आयोग पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने बताया कि सभी जिलाधिकारियों से चुनाव अवधि के दौरान आपदा प्रबंधन की कार्ययोजना मांगी गई है। इस संबंध में 7 जुलाई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी डीएम के साथ बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें अधिकारी अपने ज़िले की आवश्यकताओं और तैयारियों की जानकारी देंगे।

इस बैठक के आधार पर संबंधित जानकारी आपदा प्रबंधन सचिव को भी साझा की जाएगी, ताकि चुनाव अवधि में किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

आयुक्त सुशील कुमार ने स्पष्ट किया कि अभी तक शासन को कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं भेजा गया है, लेकिन यदि किसी क्षेत्र में सड़कें टूटी हों या कोई अन्य गंभीर स्थिति उत्पन्न होती है, तो हेलिकॉप्टर के माध्यम से पोलिंग पार्टियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा

इधर, आपदा प्रबंधन विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पहले ही आपदा राहत के लिए दो हेलिकॉप्टर स्टैंडबाय पर तैनात कर दिए हैं, जो ज़रूरत पड़ने पर चुनाव ड्यूटी में भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं।


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