उत्तराखंड में संपन्न त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों ने कांग्रेस को नई राजनीतिक ऊर्जा प्रदान की है। पार्टी ने राज्य के 12 जिलों में जिला पंचायत की 138 सीटों पर समर्थित प्रत्याशियों की जीत का दावा किया है। यह सफलता आगामी 2027 विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मनोबल बढ़ाने वाला संकेत मानी जा रही है।
12 जिलों में कांग्रेस का मजबूत प्रदर्शन
कुल 358 जिला पंचायत सीटों में से कांग्रेस ने 198 पर प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 138 पर जीत मिलने का दावा किया गया है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि कांग्रेस की जमीनी पकड़ पहले से मजबूत हुई है और पार्टी का संगठनात्मक ढांचा भी सशक्त हो रहा है। सीनियर नेताओं की सक्रिय भागीदारी कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने इन चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाई:
- गणेश गोदियाल (पूर्व प्रदेश अध्यक्ष) – पौड़ी
- प्रीतम सिंह (विधायक) – चकराता
- यशपाल आर्य (नेता प्रतिपक्ष) – ऊधमसिंह नगर
- करण माहरा (प्रदेश अध्यक्ष) – अल्मोड़ा और नैनीताल
- हरीश रावत (पूर्व सीएम) – राज्यभर में सक्रिय
इन नेताओं की भागीदारी और कार्यकर्ताओं की मेहनत का ही नतीजा है कि कांग्रेस को पिछली बार की तुलना में बेहतर नतीजे मिले हैं। नए चेहरों का उदय, युवा नेतृत्व को बल इस बार कई युवा चेहरे भी राजनीति में सामने आए:
- अभिषेक सिंह – प्रीतम सिंह के बेटे, पहली बार विजयी
- अरविंद सिंह सजवाण – पूर्व मंत्री शूरबीर सिंह के पुत्र
- सुनीता कुंजवाल – गोविंद सिंह कुंजवाल की पुत्रवधू
- कविता डबराल – कोटद्वार कांग्रेस जिलाध्यक्ष की पत्नी
- संजय किशोर – पूर्व जिलाध्यक्ष
- श्याम सिंह चौहान – NSUI के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
उत्तराखंड पंचायत चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस को संजीवनी दी है। 2027 विधानसभा चुनाव से पहले यह परिणाम पार्टी के लिए न केवल आत्मविश्वास बढ़ाने वाले हैं, बल्कि संगठनात्मक मजबूती का संकेत भी देते हैं।
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