
हिमालय टाइम्स
गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। पवित्र श्री कटकेश्वर धाम घस्यिमहादेव में चल रही शिव महापुराण कथा का आज पंचम दिवस श्रद्धा और भक्ति के रंगों में सराबोर रहा। कथा व्यास आचार्य पूज्य मधुसूदन घिल्डियाल महाराज ने पंचम दिवस पर भक्तों को भक्ति,धर्म और सदाचार के गूढ़ तत्वों का भावपूर्ण व्याख्यान सुनाया। आचार्य ने व्यासपीठ से कहा धर्म ही मनुष्य जीवन की सबसे बड़ी संपदा है। जब तक व्यक्ति धर्म के मार्ग पर चलता है,तब तक उसका जीवन मर्यादित,संतुलित और सुखद बना रहता है। धर्म का त्याग ही अधर्म का आरंभ है,इसलिए हर युग में भगवान धर्म की पुनः स्थापना करते हैं। कथा के दौरान भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश की दिव्य कथाओं का भी वर्णन हुआ। आचार्य ने बताया कि गणेश बुद्धि और सिद्धि के दाता हैं,जबकि कार्तिकेय वीरता और विवेक के प्रतीक हैं। कथा श्रवण के दौरान पूरा पंडाल हर हर महादेव के जयघोषों से गूंज उठा। मुख्य यजमान रमेश गिरी,महंत महेश गिरि,विनीत गिरि एवं हरीश गिरि सहित समस्त भक्तों ने पूरे श्रद्धाभाव से कथा श्रवण किया। श्रद्धालु श्रोता इंजीनियर सत्यजीत खंडूरी,ओमप्रकाश गोदियाल,पूरण धनाई,मनोज भट्ट,नीतिन भट्ट,मधुरा प्रसाद पुरी,सभासद वार्ड-10 आशीष नेगी,कुंवर सिंह धनाई और धनपाल सिंह नेगी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। पंडित रवि बहुगुणा,पंडित आशुतोष पोखरियाल,पंडित मुरली घिल्डियाल,पंडित नंद किशोर बलूनी,पंडित मनोज बगवाल,पंडित संदीप पुरोहित,पंडित भुवनेश भट्ट,पंडित संदीप उनियाल और पंडित नवीन ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शिव पूजन अनुष्ठान सम्पन्न कराया। दिनभर चली कथा में भक्तों ने दिव्य लीलाओं,शिव-पार्वती विवाह प्रसंग और भगवान के अद्भुत रूपों का रसपान किया। अंत में सभी श्रद्धालुओं ने आरती में भाग लिया और महाप्रसाद ग्रहण कर धर्ममय वातावरण में दिन का समापन किया। कल षष्ठम दिवस की कथा में भगवान शिव के लीलामय स्वरूप और भक्तों के कल्याण प्रसंग का वर्णन होगा।