
हिमालय टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। नगर की सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक उत्तरदायित्व का सुंदर उदाहरण पेश करते हुए भागीरथी कला संगम संस्था के सदस्यों ने रविवार को श्रीनगर के प्राचीन कोठड़ धारा और धारा क्षेत्र में एक विशेष सफाई एवं संरक्षण अभियान चलाया। अभियान के तहत संस्था के कार्यकर्ताओं ने धारे के आसपास फैली गंदगी को हटाया,झाड़ियों की सफाई की और एकत्रित कूड़े-कचरे का निस्तारण किया। इस अभियान ने न केवल क्षेत्र को स्वच्छ बनाया बल्कि लोगों में पर्यावरणीय जागरूकता और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा का संदेश भी फैलाया। संस्था के निर्देशक मदन गड़ोई ने कहा ये धारे हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं। इनका संरक्षण और स्वच्छता बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है। जब तक हम इन प्राकृतिक जलस्रोतों की देखभाल नहीं करेंगे,तब तक इनका अस्तित्व खतरे में रहेगा। संस्था के उपाध्यक्ष मुकेश नौटियाल ने बताया कि भागीरथी कला संगम द्वारा समय-समय पर शहर और आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता,वृक्षारोपण और जनजागरण जैसे सामाजिक अभियानों को निरंतर चलाया जाता रहेगा। उनका कहना था कि हमारी संस्कृति और प्रकृति दोनों एक-दूसरे से जुड़ी हैं,इनका संरक्षण ही सच्ची सेवा है। इस अवसर पर भगत सिंह बिष्ट,रमेश चंद्र थपलियाल,दीन बंधु चौहान,संजय कोठारी,पदमेंद्र रावत,रवि पुरी,राजेंद्र रावत सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने श्रमदान कर धारा परिसर को स्वच्छ और आकर्षक बनाने में अपना योगदान दिया। स्थानीय लोगों ने भी इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि हर संस्था इसी तरह अपने-अपने क्षेत्र की जिम्मेदारी निभाए तो पूरा शहर स्वच्छ और सुंदर बन सकता है। स्वच्छ धारा-सुरक्षित धरोहर के संदेश के साथ सम्पन्न हुआ यह अभियान,न केवल सफाई का उदाहरण बना बल्कि श्रीनगर में पर्यावरणीय चेतना का एक नया अध्याय भी जोड़ गया।