
हिमालय टाइम्स
गबर सिंह भण्डारी
कीर्तिनगर/श्रीनगर गढ़वाल। देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के मेधावी छात्र-छात्राओं के बहुप्रतीक्षित भारत दर्शन भ्रमण कार्यक्रम को अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के कारण फिलहाल स्थगित कर दिया गया था। अब यह भ्रमण यात्रा आगामी 8 नवम्बर से प्रारंभ होगी। इस दौरान देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के 1000 टॉपर छात्र-छात्राएं कीर्तिनगर से गुजरात के लिए रवाना होंगे,जहां वे देश के प्रमुख औद्योगिक और सांस्कृतिक स्थलों का अवलोकन करेंगे। मंगलवार को मलेथा स्थित कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए देवप्रयाग विधानसभा के विधायक विनोद कंडारी ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेधावी छात्रों के लिए भारत दर्शन यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यह यात्रा पहले 25 अक्टूबर से शुरू होने वाली थी,किंतु विद्यालयों में चल रही अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं को देखते हुए इसे स्थगित करना पड़ा। अब सभी तैयारियों को पुनः गति दी जा चुकी है और छात्र-छात्राएं 8 नवम्बर को भारत भ्रमण के लिए रवाना होंगे। विधायक कंडारी ने बताया कि इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रीय एकता,सांस्कृतिक विविधता और देश के औद्योगिक विकास की समझ को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से चयनित सभी मेधावी छात्र देश के विभिन्न राज्यों में जाकर एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को साकार करेंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगले वर्ष से देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र की महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को भी औद्योगिक संस्थानों का भ्रमण कराया जाएगा। इस कार्यक्रम को दीदी औद्योगिक भारत दर्शन कार्यक्रम नाम दिया गया है। विधायक कंडारी ने कहा कि इसका उद्देश्य महिलाओं को उत्पाद निर्माण,पैकेजिंग,ब्रांडिंग,लेबलिंग और विपणन जैसे विषयों की व्यावहारिक जानकारी देना है,ताकि वे अपने समूहों को आत्मनिर्भर बना सकें। विधायक ने बताया कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल के संकल्प से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि भारत दर्शन जैसे कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों में राष्ट्रप्रेम की भावना जगाते हैं,बल्कि उन्हें भारत की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक उपलब्धियों से भी परिचित कराते हैं। देवप्रयाग विधानसभा का भारत दर्शन भ्रमण कार्यक्रम अब 8 नवम्बर से प्रारंभ होगा। कीर्तिनगर से रवाना होने वाले 1000 टॉपर छात्र-छात्राएं गुजरात में देश की प्रगति,संस्कृति और विज्ञान का प्रत्यक्ष अनुभव करेंगे। अगले वर्ष यह अवसर महिला समूहों को भी मिलेगा,जिससे ग्रामीण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा और मजबूत होगी।