रेलवे टनल निर्माण से टीचर्स कॉलोनी के भवनों में दरारें-मुख्यमंत्री के दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश

हिमालय टाइम्स गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल। श्रीनगर-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से सटी टीचर्स कॉलोनी के प्रभावित परिवारों ने सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपते हुए रेलवे टनल निर्माण कार्य के दौरान

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हिमालय टाइम्स गबर सिंह भण्डारी

श्रीनगर गढ़वाल। श्रीनगर-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से सटी टीचर्स कॉलोनी के प्रभावित परिवारों ने सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपते हुए रेलवे टनल निर्माण कार्य के दौरान हुए भारी विस्फोटों से हुए नुकसान की निष्पक्ष जांच और क्षतिपूर्ति की मांग की। प्रभावितों ने बताया कि रेलवे टनल परियोजना के अंतर्गत लगातार हो रहे भारी विस्फोटों और सुरंग खुदाई कार्यों के कारण कॉलोनी के अधिकांश भवनों की दीवारों,नींव और भूमि में गहरी दरारें पड़ गई हैं। इसके साथ ही जमीन खिसकने से भवन असुरक्षित हो गए हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि विगत 1 सितंबर 2025 की लगातार भारी बारिश में कॉलोनी के 9 परिवारों के घर पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गए,जिनमें से 5 भवन पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं और अब रहने योग्य नहीं बचे हैं। प्रभावित परिवारों ने कहा कि वे अब बेघर हो चुके हैं और अस्थायी ठिकानों में रहने को मजबूर हैं। बावजूद इसके अभी तक रेलवे विभाग या प्रशासन की ओर से कोई ठोस राहत नहीं दी गई है। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल श्रीनगर के जिलाध्यक्ष बासुदेव कंडारी ने चेतावनी दी कि यदि रेलवे प्रशासन ने प्रभावितों को भूमि एवं भवनों का बाजार दर पर संपूर्ण मुआवजा शीघ्र प्रदान नहीं किया,तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा यदि हमारी मांगों को अनसुना किया गया,तो व्यापार मंडल श्रीनगर की जनता के साथ मिलकर सड़कों पर उतरने को बाध्य होगा। आवश्यक हुआ तो रेलवे कार्यालय में तालाबंदी की जाएगी और रेलवे के सभी कार्य बाधित किए जाएंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी रेलवे विभाग की होगी। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि प्रभावित परिवार अब मानव संकट की स्थिति में पहुंच चुके हैं। उनके पास न तो रहने का ठिकाना है,न ही किसी प्रकार की सरकारी सहायता प्राप्त हुई है। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी पौड़ी को शीघ्र आवश्यक एवं उचित कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित परिवारों को राहत और मुआवजा दिलाने में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए। अब खोने को कुछ शेष नहीं रहा,केवल न्याय की प्रतीक्षा है प्रभावित परिजन।

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