समलौण पौधारोपण से सजी विवाह की यादें,नवदंपति ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का संदेश देते हुए देहरादून के कारगी रोड स्थित अवंतिका विहार में एक प्रेरणादायक पहल देखने को मिली। समलौण आंदोलन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ.हर्षपति नौड़ियाल एवं प्रतीक्षा देवी नौड़ियाल
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हिमालय टाइम्स गबर सिंह भण्डारी देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल।

हिमालय टाइम्स गबर सिंह भण्डारी देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का संदेश देते हुए देहरादून के कारगी रोड स्थित अवंतिका विहार में एक प्रेरणादायक पहल देखने को मिली। समलौण आंदोलन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ.हर्षपति नौड़ियाल एवं प्रतीक्षा देवी नौड़ियाल के सुपुत्र प्रांजल नौड़ियाल की नवविवाहिता पत्नी किरन के साथ शादी के उपलक्ष्य में आंगन में मौसमी का पौधा रोपित कर विवाह समारोह को एक नई परंपरा और भावनात्मक अभिव्यक्ति से जोड़ा गया। पवित्र मंत्रोच्चार के साथ प्रकृति को समर्पण पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन पूरी वैदिक परंपरा के अनुसार संपन्न हुआ। विद्वान पंडित नरोत्तम प्रसाद पंत के मंत्रोच्चार और विधिपूर्वक पूजा के साथ नवदंपति ने समलौण पौधे को रोपित कर प्रकृति और मानव के मधुर संबंध को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। पर्यावरण संरक्षण का यह भाव नवविवाहित युगल की जीवन यात्रा का शुभारंभ भी बना। परंपरा में जागरूकता का समावेश-कार्यक्रम का संचालन समलौण सेना की नायिका आशा देवी पंत ने किया। उन्होंने कहा कि समलौण अभियान अब केवल एक आंदोलन नहीं,बल्कि जन-जन की परंपरा बन चुका है। शुभ अवसरों में विवाह,गृहप्रवेश,सेवानिवृत्ति,पूजन,नौकरी लगने जैसे सुखद क्षणों को समलौण पौधारोपण से चिरस्मरणीय बनाया जा रहा है। सुरक्षा की जिम्मेदारी और सामूहिक सहभागिता पौधे के संरक्षण की जिम्मेदारी स्वयं प्रांजल की माता प्रतीक्षा देवी नौड़ियाल ने ली,जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पौधा रोपना मात्र रस्म नहीं,बल्कि उसे पालना और पोसना भी एक सांस्कृतिक जिम्मेदारी है। इस भावपूर्ण कार्यक्रम में गिरीश चंद्र नौड़ियाल,कन्हैया लाल नौड़ियाल,प्रदीप नौड़ियाल,कान्ता प्रसाद नौड़ियाल सहित मोहल्ले के अनेक गणमान्य नागरिक एवं परिजन सपरिवार उपस्थित रहे। समलौण-संस्कृति,संस्कार और संरक्षण का संगम यह आयोजन समलौण आंदोलन के सार्थक संदेश का सजीव उदाहरण बना,जहां परंपरा के साथ प्रकृति को जोड़ा गया। ऐसे आयोजनों से समाज में पर्यावरण संरक्षण की अलख तो जगती ही है,साथ ही भावी पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत भी सृजित होता है। नवदंपति प्रांजल और किरन को इस अभिनव पहल के लिए समाज की ओर से अनेक मंगलकामनाएं।

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