बीज बम सप्ताह 2025: पर्यावरण चेतना की दिशा में ऐतिहासिक कदम

र्यावरण संरक्षण के अभिनव प्रयास बीज बम अभियान सप्ताह 2025 का समापन मंगलवार को श्रीनगर स्थित एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय,पर्वतीय विकास शोध केंद्र तथा शास्त्र सीमा बल (एसएसबी) के संयुक्त तत्वावधान में एक गरिमामय समारोह
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हिमालय टाइम्स गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अभिनव पहल ‘बीज बम अभियान सप्ताह 2025’ का समापन मंगलवार को एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय, पर्वतीय विकास शोध केंद्र और शास्त्र सीमा बल (एसएसबी) के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य समारोह के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर बीज बम अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने एसएसबी के जवानों और नागरिकों को बीज बम निर्माण की प्रक्रिया, इसके वैज्ञानिक लाभ, और सामाजिक प्रभावों की जानकारी प्रदान की।

समारोह के दौरान उप सेना नायक डॉ. विकास कुमार सिंह के नेतृत्व में जवानों को बीज बम निर्माण का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया। इस अभियान की नींव वर्ष 2017 में रखी गई थी और अब यह देश के 18 राज्यों तक पहुँच चुका है, जहाँ इसे पर्यावरण संरक्षण के प्रभावी माध्यम के रूप में अपनाया गया है।

उत्तराखंड वन विभाग द्वारा इस अभियान को अपनी राज्य कार्य योजना में शामिल किया जाना, इसकी स्वीकृति और प्रभावशीलता का सशक्त प्रमाण है। इस वर्ष, वन मंत्री सुबोध उनियाल के निर्देश पर बीज बम अभियान को राज्य के सभी बीट स्तरों पर सक्रिय रूप से मनाया गया।

बीज बम सप्ताह की परंपरा वर्ष 2019 से जाड़ी संस्थान, उत्तरकाशी द्वारा हर साल 9 से 15 जुलाई के बीच शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य है – जनभागीदारी से विभिन्न क्षेत्रों में बीज बम तैयार करना।

समारोह में विभिन्न विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के विशेषज्ञों की भी सक्रिय भागीदारी रही। पर्वतीय विकास शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. अरविंद दरमोड़ा ने कहा कि द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बीज बम को केवल तकनीक नहीं, बल्कि एक जन चेतना में रूपांतरित किया है। एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के डीन प्रो. ओ.पी. गुसाई ने इसे एनएसएस और एनसीसी से जोड़ने की घोषणा की और युवाओं में पर्यावरण संरक्षण की चेतना फैलाने का सशक्त माध्यम बताया।

पूर्व कुलसचिव प्रो. पी.एस. राणा ने एसएसबी की पर्यावरण प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए कहा कि सीमा की रक्षा के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा में भी एसएसबी अग्रणी भूमिका निभा रही है।

इस अवसर पर प्रो. आर.एस. नेगी (ग्रामीण तकनीकी विभाग), प्रो. आलोक सागर (अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला), प्रो. विजयकांत पुरोहित (पादप कार्यिकी निदेशक), प्रो. मोहन सिंह पंवार (भूगोल विभाग), प्रो. मदन सिंह रावत, पर्यावरणविद समीर रतूड़ी, भास्करानंद अणथ्वाल सहित 250 से अधिक जवानों की भागीदारी रही।

समारोह पूर्व एसएसबी उप महानिरीक्षक सुभाष चंद्र नेगी, डॉ. विकास कुमार सिंह एवं द्वारिका प्रसाद सेमवाल को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

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