Uttarakhand Weather: भारी बारिश से जनजीवन बेहाल, भूस्खलन से यमुनोत्री हाईवे बंद, चारधाम यात्रा प्रभावित

Uttarakhand Weather: भारी बारिश से जनजीवन बेहाल, भूस्खलन से यमुनोत्री हाईवे बंद, चारधाम यात्रा प्रभावित
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यमुनोत्री हाईवे पर भूस्खलन के एक सप्ताह बाद भी आवाजाही पूरी तरह से बहाल नहीं हो सकी है। हालांकि सिलाई बैंड और बनास क्षेत्रों में यातायात आंशिक रूप से शुरू हो गया है, लेकिन ओजरी में बहा हुआ करीब 25 मीटर का हिस्सा अब भी एनएच विभाग और प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है।

उत्तराखंड में बीते कई दिनों से जारी भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार हो रहे भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाओं के चलते मुख्य हाईवे से लेकर ग्रामीण संपर्क मार्ग तक बाधित हो गए हैं, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि शुक्रवार को बारिश कुछ कम हुई, जिससे आंशिक राहत महसूस की गई।

यमुनोत्री हाईवे सात दिन बीतने के बाद भी पूरी तरह से बंद है और अब तक आवाजाही सुचारु नहीं हो पाई है। हालांकि सिलाई बैंड तक यातायात बहाल कर दिया गया है, लेकिन ओजरी से आगे सड़क मार्ग अभी भी पूरी तरह ठप है। ओजरी में बह गए हिस्से को जोड़ने के लिए बैली ब्रिज निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, मगर इसे तैयार होने में कम से कम एक सप्ताह का समय लग सकता है।

दूसरी ओर, गंगोत्री हाईवे पर फिलहाल यातायात सामान्य है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण नेताला, पापड़गाड़, बिशनपुर और हेलगूगाड़ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन और मलबा गिरने की आशंका बनी हुई है, जिससे लोगों की चिंता बरकरार है।

उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी: गंगोत्री, बदरीनाथ हाईवे समेत कई मार्ग प्रभावित

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने पहाड़ी जिलों में जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। गंगोत्री हाईवे पर एक बार फिर मुश्किलें बढ़ गई हैं। भटवाड़ी के पास पपड़गाड क्षेत्र में लगभग 25 मीटर सड़क धंसने के कारण हाईवे पर करीब आठ घंटे तक यातायात ठप रहा। मार्ग को दोपहर करीब ढाई बजे के बाद ही बहाल किया जा सका।

🚧 बदरीनाथ हाईवे भी रहा बाधित

चमोली जिले में उमट्टा भूस्खलन क्षेत्र में शुक्रवार सुबह भारी मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे पर दो घंटे तक यातायात ठप रहा। यह क्षेत्र पिछले एक वर्ष से अधिक समय से लगातार भूस्खलन से प्रभावित है।
स्थानीय होटल व्यवसायी आशीष डिमरी के अनुसार, लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद एनएचआईडीसीएल द्वारा कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया, जिसे लेकर उन्होंने लापरवाही का आरोप भी लगाया है।
एनएचआईडीसीएल प्रबंधक अंकित राणा ने बताया कि मलबा हटाया जा रहा है और मानसून समाप्त होने के बाद स्थायी सुरक्षा कार्य की योजना बनाई गई है।

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